नई दिल्ली: Australia के पूर्व तेज गेंदबाज गॉर्डन रॉर्के का 5 जुलाई 2025 को 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अपने दौर के सबसे ताकतवर और तेज गेंदबाजों में शुमार रॉर्के की लंबी कद-काठी और अनोखे गेंदबाजी एक्शन के कारण वह हमेशा क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में याद रहेंगे।
टेस्ट क्रिकेट में कम लेकिन यादगार सफर
गॉर्डन रॉर्के ने साल 1959 में इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। हालांकि उनका अंतरराष्ट्रीय करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा और उन्होंने सिर्फ चार टेस्ट मैच खेले। इन चार मैचों में उन्होंने 20.30 के औसत से कुल 10 विकेट लिए, जिसमें उनका बेस्ट प्रदर्शन 3 विकेट था, जब उन्होंने मात्र 23 रन दिए।
Australia के भारत दौरे पर बीमारी ने रोका करियर
1959 में ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ पाकिस्तान और भारत के दौरे पर गॉर्डन रॉर्के भी मौजूद थे। पाकिस्तान में उन्हें मौका नहीं मिला, लेकिन भारत के दौरे पर उन्होंने दो मैच खेले, पहला दिल्ली और दूसरा कानपुर में। कानपुर मैच के दौरान उन्हें हेपेटाइटिस की बीमारी हो गई, जिसके कारण उन्हें देश वापसी करनी पड़ी और फिर कभी वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापस नहीं आए।
अनोखा गेंदबाजी एक्शन और नियमों में बदलाव
गॉर्डन रॉर्के का गेंदबाजी एक्शन भी काफी अनोखा था। बॉल डालते वक्त वे अपने पिछले पैर को जमीन पर घसीटते थे, जिससे उनका अगला पैर क्रीज की लाइन से काफी आगे चला जाता था। इसी वजह से नो-बॉल की समीक्षा और नियमों में बदलाव हुआ। उनके इस अजीब एक्शन की वजह से क्रिकेट में क्रीज के आगे पैर रखने पर नो-बॉल का नियम लागू हुआ, जो आज भी क्रिकेट में मान्य है।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन
रॉर्के ने न्यू साउथ वेल्स की टीम के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला। 36 फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 24.60 के औसत से कुल 88 विकेट लिए। इसमें उन्होंने तीन बार पारी में पांच या उससे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा भी किया। उनका बेस्ट प्रदर्शन 52 रन देकर 6 विकेट लेना था। उनका आखिरी फर्स्ट क्लास मैच साल 1963 में खेला गया।
यादों में हमेशा रहेंगे गॉर्डन रॉर्के
हालांकि गॉर्डन रॉर्के का अंतरराष्ट्रीय करियर छोटा रहा, लेकिन उनका नाम क्रिकेट इतिहास में उन खिलाड़ियों में लिया जाता है जिन्होंने खेल को नियम और तकनीक दोनों में नया रूप दिया। तेज गेंदबाजी के जुनून और अनोखे अंदाज के कारण वे ऑस्ट्रेलिया के लिए एक खास स्थान रखते हैं।