नई दिल्लीः Skoda Auto India अब भारतीय बाजार में पूरी ताकत के साथ उतरने को त्यार है। कंपनी ने FY2026 तक देश के पैसेंजर कार मार्किट में 2.5% हिस्सेदार पाने का टारगेट रखा है। कंपनी के ब्रांड डायरेक्टर आशीष गुप्ता का कहना है की भारत यूरोप के बाहर उनका सबसे अहम बाजार है, और वो यह की जरुरतो के हिसाब से अगाड़िया बना रहे है। इलेक्ट्रिक से लेकर परफॉरमेंस कार तक, स्कोडा हर सेगमेंट में कुछ नया लाने वाली है।
Skoda Kylaq बनी गेम चेंजर
पिछले साल Skoda का मार्केट शेयर सिर्फ 0.8% था, लेकिन जैसे ही कंपनी ने अपनी सबसे किफायती SUV Kylak लॉन्च की, ये बढ़कर 1.8% तक पहुंच गया। Kylak की वजह से स्कोडा अब भारत की सातवीं सबसे बड़ी कार कंपनी बन गई है। मार्च 2025 से अब तक कंपनी ने 20,000 Kylak SUV भेजी हैं, जिनमें से 17,000 ग्राहक तक पहुंच भी चुकी हैं। स्कोडा का लक्ष्य है कि इस साल 1 लाख कारें देश में बेची जाएं।
आने वाली नई गाड़ियां और अपडेट्स
कंपनी का फोकस अब SUV सेगमेंट पर रहेगा। फिलहाल Kylaq और Kodiaq को आगे बढ़ाया जाएगा। हालांकि, Kushaq की बिक्री में गिरावट देखी गई है, इसलिए उसका फेसलिफ्ट वर्जन लाया जाएगा। सेडान सेगमेंट में Slavia अकेली गाड़ी है, लेकिन जल्द ही Superb को फिर से मार्केट में उतारा जाएगा। जनवरी 2025 में इसकी झलक भी दिखाई जा चुकी है और कंपनी इसमें डीजल वेरिएंट लाने पर भी विचार कर रही है।
परफॉर्मेंस पसंद करने वालों के लिए Octavia RS भी जल्द आ रही है, लेकिन ये कार पूरी तरह इंपोर्टेड होगी, इसलिए इसकी कीमत करीब ₹50 लाख तक हो सकती है।
इलेक्ट्रिक कारों पर बड़ा फोकस
Skoda की योजना में इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी अहम हिस्सा हैं। अगले दो सालों में कंपनी भारत में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करेगी। इससे साफ है कि कंपनी सिर्फ पेट्रोल और डीजल पर नहीं, बल्कि फ्यूचर मोबिलिटी यानी EV की तरफ भी तेजी से कदम बढ़ा रही है।
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पुरानी कारें और गांव की ओर बढ़ता ध्यान
Skoda अब Pre-Owned यानी पुरानी कारों के सेगमेंट को भी मजबूत करने जा रही है। साथ ही कंपनी अब गांवों और छोटे शहरों के ग्राहकों को टारगेट करेगी। इसके लिए मेंटेनेंस कॉस्ट को कम किया गया है ताकि लोग स्कोडा कारों को खरीदने का सोचें।
कंपनी अब अपने टचपॉइंट्स यानी शोरूम और सर्विस सेंटर बढ़ा रही है। 2025 के अंत तक 60 नए टचपॉइंट जोड़े जाएंगे और कुल संख्या 350 पहुंच जाएगी। अभी Skoda की मौजूदगी 165 शहरों में है, लेकिन जल्दी ही ये आंकड़ा 200 शहरों तक पहुंचाया जाएगा। खास बात ये है कि इन नए टचपॉइंट्स में 60% टियर-2 शहरों में होंगे, जहां ऑटो सेक्टर की ग्रोथ की काफी संभावना है।